AMER KA KILA आमेर का किला

 

  आमेर का किला  ( Amer Fort )


            राजस्थान की अरावली पहाडियों की चोटी, चील का टीला ( ईगल्स की पहाडी ) पर राजस्थान की राजधानी जयपुर से मात्र 11 किमी की दूरी पर स्थित राजस्थान की शान कहे जाने वाला भव्य व गजब का आकर्षण रखने  वाला आमेर ( प्राचीन नाम खोगोंग का किला ) या आंबर का किला या राजसी पैलेस की सर्व प्रथम स्थापना मीणा जनजाति के राजा एलान सिंह चंदा चंदा वंश के शासक ने 967 में करवाया था तथा इसका नाम भगवान शिव के अबिंकेश्वर नाम से अंबेर का किला नाम रखा गया। जबकि स्थानीय लोगों की माने तो मॉं दुर्गा के नाम अंबा के नाम पर इस किले का नाम रखा गया। निर्माण से सम्बंधित अमेर दुर्ग की कई अवधारणायें हैं कहा जाता है कि राजा मान सिंह ने 1592 ई0 मे इसका निर्माण कराया था। आमेर दुर्ग की वीरगाथा बहुत ही प्रसिद्ध रही है। 11 वीं सदी में कछवाहोें के शासन का भार संभालने के बाद 16 वीं सदी में राजा मान सिंह प्रथम और फिर 1727 में सवाई जय सिंह तृतीय ने आमेर से अपनी राजधानी गुलाबी शहर जयपुर स्थापित कर दी आमेर का किला समकालीन वास्तुशैली भव्यता और आकर्षण से लोगों का मन मोहता रहा है। जो राजपूत और मुगल वास्तु कला का बेजोड नमूना है जिसकी शोभा में पास में स्थित माथा झील चार चाँद लगाती है।

                     किले के निर्माण में सफेद संगमरमर व लाल बलुआ पत्थर से उत्कृश्ट नक्कासी से चार स्तरों पर बनाया गया है जिसमें दीवन-ए-आम, दीवान-ए-खास, षीष महल, जय मंदिर और सुख निवास षामिल है महल की खास खूबी में कृत्रिम ठंडी हवा का निर्माण है किले में गणेष द्वार के पास महल के प्रवेष द्वार पर, चैतन्य पंथ की देवी षिला देवी को समर्पित एक विषाल मंदिर है जिसे राजा मान सिंह को 1604 में बंगाल की जीत पर दिया गया था।

                  

           आमेर का किला एक नजर में

                                             स्थित शहर व राज्यः     आमेर राजस्थान 

                                                     क्षेत्रफलः 4 वर्ग किलोमीटर 

                                               बनवानेवाले राजाः मीणा राजवंश

                                                वास्तु षिल्पः राजपूताना और मुगल शैली

                                                    विषेशताः सुरक्षित, यूनकस्को विष्व धरोहर स्मारक   

                                        समकालीन राजाः-

                     राजा एलान सिंह मीणा चंदा राजवंषः 967 ई0

                                          राजा पन्ना मीणाः 1036 ई0

                                        दूलहराय कुषवंषः 1137 ई0

                                               कांकिल देवः 1207 ई0

                                          मान सिंह प्रथमः  21 दिसम्बर 1550 ई0-6 जुलाई 1664 ई0

                                            कछवाह राजाः 1664 ई0-1727 ई0 

                                        राजधानी स्थानान्तरितः 1727 ई0

                                   किले को सेना और राज्य के कारिंदो को सुपर्द

                                            भारत सरकारः 1947- अब तक

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