HISTORY'S ALEXANDER RED FORT OF DELHI इतिहास का सिकंदर दिल्ली का लाल किला

 

HISTORY'S ALEXANDER RED FORT OF DELHI 

(इतिहास का सिकंदर: दिल्ली का लाल किला)

दिल्ली का लाल किला

Red Fort of Delhi

दिल्ली को दिलवालों की नगरी कहा जाता है। प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक काल तक, दिल्ली ने हमेशा से अपनी विशेष पहचान बनाई है। दिल्ली के प्रति आकर्षण न केवल आम लोगों में, बल्कि राजा-महाराजाओं में भी रहा है। मुगल सम्राट शाहजहाँ ने अपनी वर्तमान राजधानी आगरा से दिल्ली स्थानांतरित करके यमुना नदी के किनारे 12 मई 1638 को लाल किले का निर्माण कार्य शुरू किया। इस कार्य का नेतृत्व वास्तुकार उस्ताद अहमद लाहौरी ने किया, जिन्होंने मुगल और फारसी वास्तुकला को भारतीय परंपराओं के साथ मिश्रित कर एक उत्कृष्ट नमूना प्रस्तुत किया। 103.06 वर्ग हेक्टेयर (254.67 वर्ग एकड़) क्षेत्रफल में फैला यह विशाल किला 6 अप्रैल 1648 को लगभग 9 वर्षों के बाद पूर्ण हुआ। कहा जाता है कि ताज महल का निर्माण भी उस्ताद अहमद लाहौरी द्वारा ही किया गया था।

लाल किला: प्रमुख निर्माण और विशेषताएँ (Red Fort: Major Structures and Features): लाल किले में मुख्य निर्माणों में लाहौर गेट, मोती मस्जिद, रत्नों से जड़ा मयूर सिंहासन और चाँदी की परत लगा दीवान-ए-खास शामिल हैं। किले के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर और सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया था। दो लाख सैनिकों की विशाल सेना का नेतृत्व करने वाले तत्कालीन मुगल शासक शाहजहाँ के पुत्र औरंगजेब के बाद मुगल वंश की प्रशासनिक और वित्तीय संरचना में गिरावट आई और 18वीं शताब्दी में महल का पतन शुरू हो गया।

दिल्ली का लाल किला एक नजर में (Delhi's Red Fort at a glance):

स्थित शहर व राज्य: पुरानी दिल्ली, दिल्ली

                            निर्मित वर्ष: 12 मई 1638 से 6 अप्रैल 1648

                                        क्षेत्रफल: 254.67 वर्ग एकड़ (103.06 हेक्टेयर)

बनवाने वाले राजा: मुगल सम्राट शाहजहाँ

              वास्तुकार/वास्तु शिल्प: उस्ताद अहमद लाहौरी, मुगल शैली

                                    विशेषता: संरक्षित, यूनेस्को विश्व धरोहर स्मारक

समकालीन शासन

      मुगल साम्राज्य: 1638 से 1771

    मराठा साम्राज्य: 1771 से 1803

ब्रिटिश साम्राज्य: 1803-1947

          भारत सरकार: 1947 से अब तक

दिल्ली का लाल किला न केवल भारतीय इतिहास का महत्वपूर्ण भाग है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और कला का उत्कृष्ट प्रतीक भी है। इसका वास्तुकला, इतिहास और संरचना हमें उस समय की महानता और समृद्धि की याद दिलाते हैं। लाल किला आज भी अपने भव्यता और ऐतिहासिक महत्व के कारण लोगों को आकर्षित करता है।

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