GWALIOR KA KILA ग्वालियर का किला
ग्वालियर का किला (Gwalior Ka Kila)
ग्वालियर के प्रमुख और मध्य प्रदेश के नायाब स्मारकों की गिनती में आने वाला, कछवाहा राजपूत (आज की जाति कुशवाह ) शासक राजा सूरज सैन द्वारा निर्मित ऊॅंचे पठार गोपाचल पर्वत पर (गोप+अचल यानि गोप एक पर्वत का नाम है जो अचल है) बलुआ पत्थर और कंक्रीट से निर्मित 3 वर्ग किलोमीटर का विशाल क्षेत्रफल लिये और 500 मीटर तक की ऊॅंचाई के साथ 9 वीं शताब्दी ( निर्मित समय काल ) से अब तक पूरे ग्वालियर को निहारता, अपना सीना चौडाये कई सदियों तक अजय दुर्ग की ख्याति प्राप्त इस किले की तो शान ही निराली है। जिसकी विशालता के वर्णन में तीन मंदिर, छः महल, कई हजार सैनिकों के रासन और पानी की सुविधा से लैस इस किले में भिन्न-भिन्न कालखण्डों में निर्माण होते रहे हैं जैसे- वर्षाकरन देवी के द्वारा हाथीफोड दरवाज़ा, राजा मानसिंह के द्वारा 15वी शताब्दी में निर्मित गूजरी महल ( मानसिंह और रानी मृगनयनी के प्रेम का प्रतीक था ), तथा एक मन्दिर पर शून्य की प्रति उकेरना इत्यादि नवीनतम निर्माण थे।
ग्वालियर का किला एक नजर में-
स्थित शहर व राज्यः ग्वालियर मध्य प्रदेश
क्षेत्रफलः 3 वर्ग किलोमीटर
बनवानेवाले राजाः कछवाहा राजपूत शासक राजा सूरज सैन
वास्तु शिल्पः राजपूताना शैली
विषेशताः सुरक्षित, यूनकस्को विश्व धरोहर स्मारक
समकालीन राजा और शासकः-
कछवाहा कुशवाह राजपूत राजाः 900 वीं शताब्दी
वर्षाकरन ज्ञात नहीं
तौमरः 1398 ई0
राजा मान सिंहः 15 वीं शताब्दी
इब्राहिम लोधीः 1516 ई0
बाबरः 1542 ई0
अकबरः 1558 ई0
ईस्ट इंण्डिया कम्पनीः 1780
मराठा सिंधियाः 1844
भारत सरकारः 1947- अब तक
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